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मुख्य सचिव डॉ. संधू ने कहा कि बुके भेंट करने या स्वागत की लंबी प्रक्रिया में समय बर्बाद न किया जाए।

मुख्य सचिव डॉ. संधू ने कहा कि बुके भेंट करने या स्वागत की लंबी प्रक्रिया में समय बर्बाद न किया जाए। संक्षिप्त स्वागत संबोधन के साथ सीधे बैठक के एजेंडा पर चर्चा शुरू की जाए। एजेंडा से संबंधित प्रस्तुतिकरण को बुलेट प्वाइंट, ग्राफिक्स, सांकेतिक छाया चित्र और न्यूनतम आंकड़ों के साथ तैयार किया जाए।

अब जिला हो या शासन, सरकारी बैठकों के कुछ कायदे होंगे। अधिकारियों की हीलाहवाली और आधी-अधूरी तैयारी से बैठक में आने के सिलसिले पर रोक लगेगी। दूसरी ओर, बैठकों के समय का सदुपयोग करने के लिए चाय, बुके जैसी परंपराओं पर भी रोक होगी। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने बुधवार को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए।मुख्य सचिव डॉ. संधू के मुताबिक, यह देखने में आ रहा है कि बैठक के आयोजक विभाग की ओर से पहले से तैयारियां नहीं की जाती। मुख्य अतिथि, अध्यक्ष और अन्य प्रतिभागियों को बुके भेंट करने, स्वागत करने में काफी समय बर्बाद किया जाता है। नियत समयावधि में एजेंडे के हिसाब से बिंदुवार बातचीत पूरी नहीं हो पाती। इसके लिए ही उन्होंने कुछ निर्देेश जारी किए हैं। मुख्य सचिव डॉ. संधू ने कहा है कि किसी भी बैठक की पहले से पूरी तैयारियां होनी चाहिए।

बैठक में बुके भेंट करने या स्वागत की लंबी प्रक्रिया में समय बर्बाद न किया जाए। संक्षिप्त स्वागत संबोधन के साथ सीधे बैठक के एजेंडा पर चर्चा शुरू की जाए। एजेंडा से संबंधित प्रस्तुतिकरण को बुलेट प्वाइंट, ग्राफिक्स, सांकेतिक छाया चित्र और न्यूनतम आंकड़ों के साथ तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि कम अवधि की बैठकों में जलपान में भी काफी समय व्यर्थ होता है, इसे रोका जाए।

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