होने पर खुशी व्यक्त करते हुए स्मार्ट सिटी के सीईओ डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि वर्तमान में पेयजल की विभिन्न योजनाओं पर काम किया जा रहा है। इसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं। भविष्य में दून की पेयजल व्यवस्था जल संरक्षण और ऊर्जा संरक्षण के लिहाज से अहम साबित होगी।

पेयजल स्काडा :पेयजल की पंपिंग एक्यूरेसी बढ़ाने के लिए एस्को माडल लागू किया जा रहा है। इससे पंपिंग में ऊर्जा की खपत कम होगी और 10 वर्ष में करीब 48 करोड़ रुपये की ऊर्जा बचाने की उम्मीद की जा रही है।  पानी की बर्बादी रोकने के लिए ओवरहेड टैंक और स्टोरेज टैंक में सेंसर लगाए जा रहे हैं। इससे प्रतिदिन 1.75 मिलियन लीटर पानी की बचत होगी।

पेयजल संवर्धन करीब 50 वर्ष पुरानी पेयजल लाइनों को बदला जा रहा है। साथ ही स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं।

शहर में 24 स्थलों पर वाटर एटीएम लगाए जाने हैं। कई स्थलों पर वाटर एटीएम लगाए जा चुके हैं। इनके माध्यम से जनता को एक रुपये में 300 मिलीलीटर और महज 14 रुपये में पांच लीटर शीतल पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।