



नागरिकता कानून को लेकर देशभर में भारी विरोध हो रहा है।जिसकी हदें बढ़ती जा रही है प्रधानमंत्री ने प्रदर्शन को दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद करार दिया है और लोगों से स्वार्थी लोगों के हितों से दूर रहने की अपील की है। वहीं इस कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। इसी बीच गुवाहाटी में कर्फ्यू में छूट दी गई है।नागरिकता कानून को लेकर देशभर में भारी विरोध हो रहा है। प्रधानमंत्री ने प्रदर्शन को दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद करार दिया है और लोगों से स्वार्थी लोगों के हितों से दूर रहने की अपील की है। वहीं इस कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। इसी बीच गुवाहाटी में कर्फ्यू में छूट दी गई है।
दिल्ली पुलिस ने की थी छात्रों से अपील
दिल्ली पुलिस ने की थी छात्रों से अपील
दिल्ली पुलिस के संयुक्त पुलिस अधीक्षक ने जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों से 15 दिसंबर को शांत रहने और पत्थर न फेंकने की अपील करते हुए दिख रहे हैं। यह वीडियो उसी दिन का है जब जामिया में छात्रों के प्रधर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था। इस वीडियो को दिल्ली पुलिस ने जारी किया है।
ममता के खिलाफ रिट याचिका दाखिल
पश्चिम बंगाल के कलकत्ता उच्च न्यायालय में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस बयान के खिलाफ रिट याचिका दाखिल की गई है जिसमें उन्होंने कहा था कि नागरिकता कानून को राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। लोगों के पैसों से इसपर राज्य सरकार ने विज्ञापन भी जारी किए।
डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कांचीपुरम में पार्टी नेताओं के साथ नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, ‘ईडापड्डी सरकार श्रीलंकाई और तमिल लोगों के प्रति निष्ठावान नहीं है। एआईएडीएमके के सांसदों ने नागरिकता कानून के समर्थन में वोट किया। उसकी वजह से आज देश जल रहा है।’
केरल में कई बसों पर पथराव
केरल में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ कई हिस्सों में केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की बसों पर पथराव की घटनाएं सामने आई है। केएसआरटीसी, निजी बसें, चार वाहन और ऑटोरिक्शा राजधानी में चलते हुए देखे गए जबकि उत्तरी केरल खास तौर पर कन्नूर और कोझिकोड में सुबह सड़कें खाली रही। शहर के पेरूर्रकादा इलाके के अलावा पलक्कड़, वायनाड, कोझिकोड और अलुवा में केएसआरसीटीसी बसों पर भी पथराव हुआ है। पलक्कड में करीब 120 लोगों को या तो गिरफ्तार कर लिया गया या एहतियात के तौर पर सुबह नौ बजे तक हिरासत में लिया गया।
थोड़ी देर में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
जामिया हिंसा मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी, ज्वाइंट सीपी साउथ दिल्ली सुनवाई से पहले अदालत पहुंच गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को छात्रों पर पुलिसिया कार्रवाई के मसले पर मंगलवार को सुनवाई करने का निर्णय लिया। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की पीठ ने कहा, पहले हम यह आश्वस्त होना चाहते हैं कि शांति कायम रहे। अगर आप इसे सड़क पर ले जाना चाहते हैं तो आप करें, ऐसे में आप लोग हमारे पास मत आइए। शांति बहाल होने पर ही हम देखेंगे कि हम क्या कर सकते हैं।
जामिया विश्वविद्यालय के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ मंगलवार को भी प्रदर्शन जारी रखते हुए छात्र और स्थानीय नागरिकों समेत कई प्रदर्शनकारी हाथों में तिरंगे और प्लेकार्ड लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के बाहर एकत्रित हुए। छात्रों ने बताया कि उनके कई सहपाठी अपने-अपने घर जा चुके हैं लेकिन उन्होंने यहीं रहने का और तब तक लड़ाई जारी रखने का फैसला किया जब तक कि नागरिकता कानून में किए गए संशोधन वापस नहीं लिए जाते।