लोककलाकार एवं गढ़वाली के सुविख्यात रंगकर्मी रामरतन काला नहीं रहे। कल रात हृदयगति रुकने से उनका निधन हो गया। वे आकाशवाणी और दूरदर्शन के जाने-माने कलाकार रहे। उन्होंने आकाशवाणी नजीबाबाद के ग्राम जगत कार्यक्रम में वे “रारादा” के स्टॉक करेक्टर में सालों भूमिका निभाई। दूरदर्शन देहरादून के कल्याणी कार्यक्रम में वे “मुल्कीदा” की भूमिका में दर्शकों का मनोरंजन करते रहे।
स्व. काला आकशवाणी के लोकसंगीत के “बी हाई” ग्रेड के कलाकार थे। वे 2008 से बीमारी की हालत में थे, लेकिन उसमें सुधार हो गया था। हालांकि उन्होंने इसके बाद फिल्म, रंगकर्म, लोकसंगीत में प्रतिभागिता करना बंद कर दिया था।
गढ़वाली की अनेक फिल्मों में वे हास्य कलाकार की भूमिका निभाते रहे। सतपुली गढ़वाल के मूल निवासी स्व. काला वर्तमान में वे कोटद्वार भाबर में रह रहे थे। उनमें कूटकूट कर हास्य भरा हुआ था। वे बहुत सहज और ग्रामीण पृष्ठभूमि के कलाकार थे। “ब्यौलि खुजे द्यावो”, “अब खा माछा” आदि उनकी अनेक हास्य प्रस्तुतियां देखने-सुनने वालों को आज भी गुदगुदाती हैं।