विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले एक महीने के भीतर अपने दूसरे उत्तराखंड दौरे में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकास के मुद्दे पर विपक्ष कांग्रेस को निशाने पर लिया। इस बार उन्होंने नाम लिए बिना कांग्रेस को विकास में अवरोध पैदा करने पर आड़े हाथ लेते हुए लखवाड़ परियोजना का उल्लेख किया, जिसका पिछले लगभग 45 साल से लटके रहने के बाद उन्होंने गुरुवार को हल्द्वानी में शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री के संबोधन से यह साफ हो गया कि यह चुनाव भाजपा उत्तराखंड में विकास के मुद्दे पर लड़ने जा रही है, जिसका तोड़ ढूंढ पाना विपक्ष के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा।उत्तराखंड को भाजपा का परंपरागत गढ़ माना जाता है। इसीलिए छोटा राज्य होने के बावजूद भाजपा के लिए उत्तराखंड महत्वपूर्ण है। पिछले सात वर्षों से यहां भाजपा अविजित बनी हुई है। प्रधानमंत्री मोदी का जादू भाजपा के विजय रथको हर चुनाव में सफलता दिलाता आ रहा है। वर्ष 2014 व 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने राज्य की पांचों सीट पर जीत दर्ज की। वर्ष 2017 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 70 में से 57 सीटों पर जीत मिली, तो इसके पीछे भी मोदी मैजिक ही रहा।
भाजपा इस बार भी अपने पिछले चुनावी प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड से लगाव रहा है और वह स्वयं इसे पर्याप्त महत्व देते आए हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने उत्तराखंड को चार धाम आल वेदर रोड जैसी बड़ी परियोजना की सौगात दी। इस बार भी उन्होंने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इसी महीने चार तारीख को देहरादून और अब हल्द्वानी में हुई जनसभाओं में 35 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। इनमें से 29855 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास व 5973 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया।देहरादून की जनसभा में उन्होंने डबल इंजन के बूते उत्तराखंड में पिछले पांच वर्षों में राज्य को मिली एक लाख करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा रख विपक्ष को चुनौती दी कि वह केंद्र व उत्तराखंड में सत्ता में रहते हुए अपने विकास के कार्यों का हिसाब दे। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए गुरुवार को हल्द्वानी में मोदी ने साफ कर दिया कि आगामी चुनाव में भाजपा पूरी तरह विकास को केंद्र में रखकर ही मैदान में उतरने जा रही है।
इस बार प्रधानमंत्री मोदी का अंदाज कुछ अलग दिखा। उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बगैर कटाक्ष किया कि देश में दो धारा वाले लोग हैं, एक विकास करते हैं और दूसरे विकास से वंचित करते हैं। प्रमाण के रूप में उन्होंने लखवाड़ जल विद्युत परियोजना का उल्लेख किया, जिसकी शुरुआत 1976 के आसपास हुई थी और तब से लेकर यह बड़ी परियोजना अधर में लटकी रही। मोदी ने चुटीली टिप्पणी की ‘मेरे सात साल का रिकार्ड देख लीजिए, इन्हीं कार्यों को ठीक करने में मेरा समय लग रहा है।’ आगे उन्होंने कहा, ‘मैं उनके काम ठीक कर रहा हूं, आप उन्हें ठीक कर दें।’पहले विकास के आंकड़े प्रस्तुत कर और अब विकास को लेकर लटकाने वाले रवैये पर विपक्ष कांग्रेस को जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने कठघरे में खड़ा किया, उससे बाहर निकल पाना कांग्रेस के लिए मुश्किल होगा। कांग्रेस इस चुनाव में उत्तराखंडियत जैसे भावनात्मक मुद्दे पर भाजपा सरकार की घेराबंदी की रणनीति पर चल रही है, जबकि भाजपा विकास परियोजनाओं जैसे तथ्यात्मक मुद्दे पर विपक्ष को ललकार रही है। अब यह चुनाव का परिणाम ही बताएगा कि जनमत भावनात्मक रूप से प्रभावित होकर कांग्रेस के पाले में जाएगा या फिर विकास के नाम पर भाजपा के पक्ष में फैसला सुनाएगा।