प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ सड़कों पर उतरे हड़ताली जनरल ओबीसी कर्मचारी और सरकार के बीच का गतिरोध नहीं टूट रहा है। सरकारी प्रवक्ता मदन कौशिक ने साफ कहा कि पहले कर्मचारी हड़ताल वापस लें, इसके बाद ही सरकार कोई फैसला करेगी। हड़ताली कर्मचारियों का साफ कहना था कि प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ आदेश जारी न होने तक हड़ताल जारी रहेगी। विधानसभा में हड़ताल में शामिल कर्मचारियों की टोह लेने के लिए पहुंचे कर्मचारी नेताओं को शहरी विकास मंत्री और सरकारी प्रवक्ता मदन कौशिक विधानसभा के गलियारे में ही मिल गए थे। कर्मचारी नेताओं ने मंत्री से प्रमोशन में आरक्षण के मामले में सरकार को फैसला लेने के लिए कहा। इस पर मंत्री ने साफ कहा कि हड़ताल समाप्त होने पर ही यह फैसला लिया जा सकता है।
कौशिक ने कर्मचारी नेताओं से यह भी कहा कि बजट सत्र जारी है और इस कारण हड़ताल से बजट सत्र भी प्रभावित है। ये कर्मचारी नेता विधानसभा में यह देखने पहुंचे थे कि हड़ताल में शामिल कर्मचारी काम तो नहीं कर रहे हैं। एक कर्मचारी नेता के मुताबिक ऐसे सभी कर्मचारियों को चेतावनी भी जारी की गई है। उत्तराखंड नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन की अध्यक्ष मीनाक्षी जखमोला ने भी जनरल ओबीसी कर्मियों के समर्थन में 16 मार्च से पूरी तरह से हड़ताल में शामिल होने का एलान किया है। एसोसिएशन की ओर से स्वास्थ्य सचिव और महानिदेशक को भेजे गए पत्र में एसोसिएशन ने कहा कि जनरल ओबीसी वर्ग के स्वास्थ्य कर्मी अभी दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर रहे हैं।
यह कार्य बहिष्कार 15 मार्च तक ही जारी रहेगा। एसोसिएशन 16 मार्च से पूरी तरह से हड़ताल में शामिल होगी। अध्यक्ष के मुताबिक इतना जरूर है कि अस्पतालाें में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया जाता है तो कुछ लोग काम पर कुछ घंटे की ड्यूटी पर वापस आ सकते हैं। उधर, बृहस्पतिवार को कई और कर्मचारी संगठन हड़ताल में शामिल हो गए। पूर्व सैनिकों के संगठन चमोली सर्विस लीग ने भी सीएम को पत्र लिखकर जनरल ओबीसी कर्मियों की मांग मानने का आग्रह किया है।इसी तरह डिप्लोमा पशु चिकित्सा फार्मासिस्ट संघ के अध्यक्ष पीएल ममगाईं ने भी हड़ताल का समर्थन किया। उत्तराखंड एक्साइज कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल एसोसिएशन ने भी हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।