प्रदेश में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लागू करने पर कांग्रेस ने तीखा विरोध जताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि रासुका लागू करना लोकतंत्र की हत्या है। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार इस कानून के जरिये हक की आवाज उठाने वालों का दमन करना चाहती है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर रासुका के फैसले पर गंभीर चिंता जताते हुए इसे वापस लेने की मांग की।प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में गोदियाल ने कहा कि सरकार कर्मचारियों और किसानों की समस्याओं से डर कर भाग रही है। जनता की आवाज दबाने के लिए रासुका का सहारा लिया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर काम कम करने और बातें ज्यादा करने का आरोप भी लगाया।नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार से हर वर्ग त्रस्त होकर सड़क पर संघर्ष करने को मजबूर है। सरकार उनकी समस्याओं के निराकरण में अक्षम साबित हो रही है। रासुका के तहत कार्रवाई कर सरकार दमन करने में लिप्त है। ऐसी सरकार को बदलने की जरूरत है।
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा कि महात्मा गांधी के जन्मदिवस के एक दिन बाद सरकार का रासुका लगाने का फैसला उनका अपमान है। उन्होंने कहा कि असहमति के सुरों को सुनने की व्यवस्था ही नहीं, बल्कि उसे सम्मान देने के उत्सव का नाम ही लोकतंत्र है।उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी जाने से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को रोकने के विरोध में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में कार्यकर्त्ताओं ने राजीव भवन परिसर में मौन उपवास कर धरना दिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना से उत्तराखंड कांग्रेस में रोष है। प्रियंका गांधी वाड्रा को घटना स्थल जाने से रोकना और गिरफ्तार करना लोकतंत्र के साथ क्रूर मजाक है। उन्होंने इस घटना के लिए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग भी की। धरने पर प्रदेश मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि, गरिमा मेहरा दसौनी, महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचंद शर्मा, नवीन जोशी, बलवीर सिंह रावत समेत कई कांग्रेसी बैठे।