पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भू-कानून को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि चुनाव के वक्त ही हरीश रावत व कांग्रेस को भू-कानून की याद आती है। 10 साल कांग्रेस भी सत्ता में रही, तब वह इसे लेकर क्यों नहीं आए। उनके पास इसका कोई प्रारूप है तो जनता के बीच लेकर आएं, ताकि इस पर चर्चा हो।गढ़वाल भ्रमण कार्यक्रम के बाद देहरादून लौटे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी के समय में भू-कानून लाया जा चुका है। यह कानून हिमाचल व अन्य राज्यों का अध्ययन करने के बाद लाया गया और इसे राज्य में लागू किया गया। अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और अन्य व्यक्तियों को भू-कानून की याद आई है। ये लोग जनता की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं। खाली बोलने से काम नहीं चलेगा। यदि इनके पास इसकी कोई कार्ययोजना या प्रारूप है तो जनता के सामने लेकर आए।
देवस्थानम बोर्ड के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमित लोग इसकी बात कर रहे हैं। वे यह नहीं बता पाए कि हक-हकूक किस तरह प्रभावित हो रहा है। सभी प्रभावितों से बातचीत के बाद यह एक्ट लाया गया। विधानसभा में भी लंबी चर्चा के बाद यह एक्ट बना। पहले इसका नाम चारधाम श्राइन बोर्ड था। विधानसभा में ही इसका नाम चारधाम देवस्थानाम बोर्ड रखा गया। बोर्ड को भंग करना और एक्ट तो अलग चीजें हैं। इसमें कोई खराबी है तो इसे सुधारा जा सकता है। वर्तमान सरकार इस बारे में क्या सोचती है यह उनका विषय है।उन्होंने बताया कि उनका गढ़वाल भ्रमण वृक्षारोपण, पर्यावरण व रक्तदान के प्रति जागरूकता के लिए था। यह कार्यक्रम अच्छा रहा और कार्यकर्त्ताओं में काफी उत्साह देखने को मिला।