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हल्द्वानी के कुनाल गुरुरानी ने यूपीएससी की परीक्षा में 234वीं रैंक हासिल की

कोशिश और कड़ी मेहनत के बदौलत हल्द्वानी के कुनाल गुरुरानी ने यूपीएससी की परीक्षा में 234वीं रैंक हासिल की है। इससे पूर्व सिविल सर्विसेज-2020 में उन्होंने 355वीं रैंक प्राप्त की थी। वह वर्तमान में इंडियन पोस्टल सर्विस की ट्रेनिंग ले रहे हैं। उनके चयन से घर में जश्न का माहौल है।मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के जैंती एवं हाल निवास नवाबी रोड स्थित पार्वती विहार निवासी कुनाल गुरुरानी कुनाल बचपन से ही पढऩे में मेधावी रहे हैं। उन्होंने सेंट मेरी स्कूल बाजपुर से 94 प्रतिशत अंकों के साथ इंटर की पढ़ाई पूरी की है।

इसके बाद एनआइटी जयपुर से बीटेक करने के दौरान ही फाइनल ईयर में इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने 2017 में संघ लोक सेवा आयोग की इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस (आइईएस) परीक्षा में देश में पहला स्थाना हासिल किया था। तब कुनाल को इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ब्रांच में यह सफलता मिली थी। कुनाल रेलवे और नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन नोएडा में अपनी सेवा दे चुके हैं। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की सिविल सर्विसेज-2020 परीक्षा दी। जिसमें 355वीं रैंक प्राप्त कर इंडियन पोस्टल सर्विस की गाजियाबाद में ट्रेनिंग शुरू की।

बेहतर रैंक प्राप्त करने के जुनून के चलने उन्होंने सिविल सर्विसेज-2021 में भी सफलता हासिल की और 234वीं रैंक हासिल कर दूसरी बार सफलता हासिल की। उनके पिता घनश्याम गुरुरानी बाजपुर सुगर मिल से चीफ एकाउंटेंट पद से रिटायर हैं, जबकि मां भुवनेश्वरी गुरुरानी गृहिणी हैं। दो बहनें गरिमा और रचिता की शादी हो चुकी है। दोनों शिक्षिकाएं हैं। कुनाल ने गेट में भी दूसरी रैंक हासिल की थी।

कुनाल का कहना है कि सिविल सर्विसेज की परीक्षा स्तर कठिन जरूर है पर इसे लगातार मेहनत और धैर्य के साथ स्मार्ट पढ़ाई के जरिए उत्तीर्ण किया जा सकता है। वर्ष 2017 में आइईएस की परीक्षा में सफलता के बाद रेलवे में जाब मिली। तब उन्होंने सिविल सर्विसेज के लिए आनलाइन प्लेटफार्म से पढ़ाई की। हालांकि बेसिक जानकारी के लिए किताबों का अध्ययन जरूरी है। परंतु वैल्यू एडीशन के हिसाब से आनलाइन प्लेटफार्म काफी कारगर साबित हुआ। उन्होंने करीब आठ से दस घंटे की पढ़ाई रोजाना की। पिछले कुछ सालों में करंट से जुड़े प्रश्नों में बदलाव आ रहा है। अब प्रश्न अन्य घटनाओं से लिंक करके अधिक पूछे जा रहे हैं। इसके लिए पिछले एक से डेढ़ साल का करंट अफेयर्स का अध्ययन गहराई के साथ करना जरूरी है।

 

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