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बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान सहकारिता मंत्री डॉ.रावत ने कहा कि प्रदेश में उर्वरक की कोई कमी नहीं

बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान सहकारिता मंत्री डॉ.रावत ने कहा कि प्रदेश में उर्वरक की कोई कमी नहीं है। जिलों में मांग के अुनरूप उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में खरीफ की फसल के लिए एक लाख 65 हजार मीट्रिक टन उर्वरक की मांग केंद्र को भेजी गई है। एक अप्रैल से 14 जून तक उर्वरकों का कुल 35317 मीट्रिक स्टाक राज्य को प्राप्त हुआ है।विधायक जी, आप नानकमत्ता पहुंचिए, आप से पहले खाद वहां पहुंच जाएगी। प्रदेश में डीएपी व यूरिया उर्वरक की भारी कमी के सवाल पर सहकारिता मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कुछ इस अंदाज में जवाब दिया। सदन में विधायक विरेंद्र कुमार ने यह मामला उठाया था। चर्चा में भाग लेते हुए नानकमत्ता विधायक गोपाल सिंह राणा ने भी ऊधमसिंह नगर जिले में उर्वरक की कमी का मुद्दा उठाया।

बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान सहकारिता मंत्री डॉ.रावत ने कहा कि प्रदेश में उर्वरक की कोई कमी नहीं है। जिलों में मांग के अुनरूप उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में खरीफ की फसल के लिए एक लाख 65 हजार मीट्रिक टन उर्वरक की मांग केंद्र को भेजी गई है। एक अप्रैल से 14 जून तक उर्वरकों का कुल 35317 मीट्रिक स्टाक राज्य को प्राप्त हुआ है।ऊधमसिंह नगर के रुद्रपुर में 3100 मीट्रिक टन यूरिया की एक रैक 17 जून तक पहुंच जाएगी। जबकि 3100 मीट्रिक टन डीएपी, एनपीके की एक रैक 20 जून तक पहुंच जाएगी। इसी तरह से अन्य जिलों में भी मांग के अनुरूप यूरिया, डीएपी और एनपीके की पूर्ति कर दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में एफको नैनो यूरिया का प्रचुर स्टाक उपलब्ध है। नैनो यूरिया 500 एमएल की एक बोतल एक कट्टे यूरिया के बराबर काम करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इसकी बिक्री को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जाएंगे। प्रदेश में डीएपी व यूरिया उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। हालांकि मंत्री के इस जवाब से विपक्षी सदस्य संतुष्ट नजर नहीं आए। उन्होंने कहा कि यदि मांग के अनुरूप आपूर्ति हो रही होती तो उन्हें सदन में यह सवाल उठाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।

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