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कुमाऊं की लालकुआं विधानसभा सीट पूर्व सीएम हरीश रावत की वजह से प्रचार से लेकर मतदान तक सुर्खियों में बनी

दस मार्च की मतगणना को लेकर कांग्रेस पूरी तरह अलर्ट मोड में है। कुमाऊं की लालकुआं विधानसभा सीट पूर्व सीएम हरीश रावत की वजह से प्रचार से लेकर मतदान तक सुर्खियों में बनी रही। गुरुवार को मतगणना के साथ पूरे प्रदेश की स्थिति साफ होते ही पता चल जाएगा कि किसकी सरकार। मतगणना के दिन पूर्व सीएम हरीश रावत दून में रहेंगे। कांग्रेस मुख्यालय में पूरे प्रदेश का कंट्रोल रूम बनाया गया है। जबकि लालकुआं सीट की निगरानी की कमान पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल और वरिष्ठ नेता हरेंद्र बोरा के पास होगी।

पोस्टल बैलेट को लेकर प्रदेश की सभी 70 सीटों पर मतगणना अभिकर्ता बने नेताओं व कार्यकर्ताओं को खास निगरानी के लिए कहा गया है। दस मार्च की दोपहर तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि उत्तराखंड में भाजपा की वापसी होगी या कांग्रेस सत्ता में आ रही है। प्रदेश के लिए कांग्रेस ने 12 नेताओं की टीम तैयार की है। जो कि कांग्रेस मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम से राज्य की सभी 70 सीटों के ताजा मतगणना आंकड़े जुटाएंगे। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत अन्य बड़े नेता दून में ही डेरा जमाए हुए हैं।

परिणाम के बाद की रणनीति तय करने के लिए कांग्रेस हाइकमान के करीबी और राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड््डा भी दून पहुंचे हुए हैं। वहीं, मतदान के बाद कांगे्रस ने पोस्टल बैलेट को लेकर सवाल खड़े किए थे। इस मामले में निर्वाचन आयोग में शिकायत भी की गई। इसलिए मतगणना स्थल पर मौजूद अभिकर्ताओं को खासा चौंकन्ना रहने को कहा गया है। वहीं, लालकुआं सीट पर हरीश रावत के चुनावी प्रचार की कमान हरीश दुर्गापाल और हरेंद्र बोरा ने संभाली थी। हर सभा में दोनों हरदा के अगल-बगल में खड़े दिखे। ऐसे में मतगणना के दिन भी पूर्व सीएम ने इन्हें जिम्मेदारी सौंपी है।

 

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