उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण दर बढ़ने की आशंका से दबाव में आई सरकार विवाह सहित अन्य आयोजनों में अधिकतम लोगों की मौजूदगी के नियम में बदलाव कर सकती है। शनिवार को जिलाधिकारियों से बातचीत के बाद ही इस पर अंतिम फैसला होगा।
अभी तक आयोजनों में 200 लोगों की सीमा है और एमएचए की गाइडलाइन के मुताबिक राज्य सरकार इस सीमा को 100 तक कर सकती है। वहीं कोरोना मामलों के बढ़ने की स्थिति में अगर कंटेनमेंट जोन बनते हैं तो सरकार ऐसे क्षेत्रों में सख्ती बढ़ा सकती है।
नाइट कर्फ्यू को लेकर मंथन जारी
कोरोना के मामलों के बढ़ने के साथ ही करीब छह प्रदेश नाइट कर्फ्यू लगा चुके हैं। प्रदेश सरकार के स्तर पर इस मामले में अंतिम रूप से फैसला नहीं हुआ है। कारण यह भी है कि नाइट कर्फ्यू का उपयोग सरकार करती भी है तो वह मैदानी जिलों में ही कारगर साबित होगा।
इससे आयोजनों और आवागमन को कुछ हद तक सीमित रखने में ही मदद मिलेगी। इसी को देखते हुए शनिवार को जिलाधिकारियों से बातचीत के आधार पर इस मामले में फैसला लेने की बात की जा रही है।
सीएम की समीक्षा के बाद जारी होंगे दिशा-निर्देश
30 नवंबर के बाद उत्तराखंड में कोविड-19 की रोकथाम को लेकर दिशा-निर्देश जारी होने हैं। शनिवार को मुख्यमंत्री कोरोना की तैयारियों और आगे की रणनीति को लेकर सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग कर समीक्षा करेंगे।
लॉकडाउन की खबरों को अफवाह बताया
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोशल मीडिया व कतिपय टीवी चैनलों पर चल रहीं राज्य में 29 नवंबर से लॉकडाउन की खबरों को अफवाह करार दिया। इस संबंध में उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि कृपया इस तरह की अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। सरकार ने ऐसा कोई निणय नहीं लिया है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा -” राज्य सरकार केंद्रीय गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत कोविड-19 महामारी की रोकथाम के उपाय कर रही है। राज्य में नाइट कर्फ्यू के बारे में कोई निर्णय नहीं हुआ है। शनिवार को कोविड की समीक्षा को लेकर बैठक होगी। इसमें नई परिस्थितियों का अवलोकन किया जाएगा। आयोजनों में भीड़, कंटेनमेंट जोन में सख्त इंतजाम जैसे अहम मसलों पर चर्चा होगी।”