ऋषिकेश कर्णप्रयाग ब्राडगेज रेल परियोजना की उपलब्धि के नए-नए अध्याय लिखे जा रहे हैं। पहले ऋषिकेश कर्णप्रयाग परियोजना के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में वीरभद्र रेलवे स्टेशन से योगनगरी रेलवे स्टेशन तक नए ट्रैक, योगनगरी ऋषिकेश के नाम से नए रेलवे स्टेेशन का निर्माण।
शिवपुरी और व्यासी के बीच 26 दिन में 1.12 किलोमीटर रेलवे सुरंग बनाकर कीर्तिमान हासिल किया था। यह सुरंग एनएटीएम तकनीकी से बनाई गई। शिवपुरी और गूलर के मध्य दो अलग-अलग सुरंगें आपस में मिली। इस उपलब्धि पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए। सीएम धामी के बटन दबाते ही सुरंग आर-पार हुई। और इसी के साथ पहाड़ की रेल परियोजना एक कदम और आगे बढ़ी।
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना
ऋषिकेेश कर्णप्रयाग ब्राडगेज रेल परियोजना करीब 16,216 करोड़ की लागत से बन रही है। 2024 तक योजना का परियोजना का निर्माण पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है। 126 किलोमीटर लंबी इस रेल परियोजना में 105 किलोमीटर लाइन सुरंगों के अंदर से गुजरेगी। जबकि 21 किलोमीटर ट्रैक खुले आसमान के नीचे बनेगा। इस परियोजना निर्माण में 17 सुरंगों का निर्माण हो रहा है। 16 पुल बनाए जाएंगे। करीब 60 किलोमीटर सुरंग बनकर तैयार हो चुकी है।
रेल विकास निगम की ओर से जिन दो सुरंगों का मिलान(ब्रेक थ्रू) आज शुक्रवार को होगा। उनका निर्माण 20 अक्तूबर 2020 को शुरू हुआ था। शिवपुरी से करीब 1.8 किलोमीटर गूलर की ओर यह सुरंग मिलेगी। यह दोनों सुरंग एनएटीएम तकनीकी से बनी हैं। इन सुरंगों के निर्माण में में 500 मजदूर दिनरात काम पर लगे रहे।ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना के निर्माण के दौरान रेल विकास निगम की ओर से श्रीनगर गढ़वाल और कर्णप्रयाग में रेलवे स्टेशन के निर्माण के साथ ही मालगोदाम बनाए जाएंगे। श्रीनगर में दो मालगोदाम बनाए जाएंगे, जबकि सिवाई कर्णप्रयाग में एक मालगोदाम बनाया जाएगा। योगनगरी ऋषिकेश, शिवपुरी, ब्यासी, देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर, धारी देवी, तिलनी, घोलतीर, गौचर, सिवाई (कर्णप्रयाग)
– ओपी मालगुडी, परियोजना प्रबंधक रेल विकास निगम