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उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण फिर बढ़ने लगा

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण फिर बढ़ने लगा है। रविवार को बीते 24 घंटे के भीतर प्रदेश में 224 नए संक्रमित मिले हैं। जबकि 132 मरीज ठीक हुए हैं। एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। सक्रिय मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। प्रदेश में फिलहाल 1645 कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। जबकि शनिवार को प्रदेश में 1553 सक्रिय मरीज थे।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक शनिवार को 1215 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं, देहरादून जिले में सबसे ज्यादा 173, हरिद्वार में आठ, नैनीताल में छह, अल्मोड़ा, पौड़ी और ऊधमसिंह नगर में चार-चार, चमोली और रुद्रप्रयाग में एक-एक, चंपावत में दो, टिहरी में तीन ओर उत्तरकाशी में 18 संक्रमित मरीज सामने आए हैं। प्रदेश की रिकवरी दर 94.47 प्रतिशत और संक्रमण दर 15.57 प्रतिशत दर्ज की गई।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है। एक महीने के भीतर संक्रमण दर में चार गुना की बढ़ोतरी हुई है। बीते सात दिनों के भीतर 1820 संक्रमित मिले हैं, जबकि चार मरीजों की मौत हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार को सैंपल टेस्टिंग, ट्रीटमेंट की रणनीति पर ध्यान देना होगा। साथ ही कोविड के अनुरूप व्यवहार का पालन करने के लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है।

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट पर सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन ने सप्ताह वार कोविड संक्रमण की स्थिति का विश्लेषण किया है। जुलाई के पहले सप्ताह में प्रदेश की संक्रमण दर 3.52 प्रतिशत थी। जो बढ़कर लगभग 15 प्रतिशत पहुंच गई है। जिससे साफ है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण का प्रसार लगातार बढ़ रहा है, लेकिन कोविड को लेकर लोगों में अब किसी तरह का भय नहीं है। सार्वजनिक स्थानों पर न तो लोग मास्क पहन रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है।

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.शैलजा भट्ट का कहना है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम व बचाव के लिए सभी जिलों को सैंपलिंग बढ़ाने के साथ ही संक्रमितों के इलाज और निगरानी को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं। राज्य स्तर पर संक्रमण की मॉनीटरिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है। लोगों को कोविड के अनुरूप व्यवहार का पालन करने की जरूरत है।

सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल का कहना है कि एक महीने में संक्रमण दर चार गुना बढ़ने को गंभीरता से लेना होगा। सरकार व स्वास्थ्य विभाग को कोविड जांच के साथ ही ट्रीटमेंट की रणनीति पर काम करने की आवश्यकता है।

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