उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अब एक्टिव मोड पर आ चुकी है। छोटी-छोटी कमियों को दूर करने व अंदरूनी द्वंद्व को खत्म करने के लिए प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव खुद जुटे हुए हैं। इस क्रम में कांग्रेस हाईकमान ने विधानसभा क्षेत्रों, जिलों व लोकसभा सीटों के आधार पर बाहरी नेताओं को बतौर पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। पार्टी कार्यक्रमों के अलावा दावेदारों के दम और गुटों की गुटबाजी पर इनकी पूरी निगरानी रहेगी। सूत्रों की मानें तो टिकट वितरण के दौरान इनकी रिपोर्ट को अहम माना जाएगा। नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट के तहत आने वाली तराई व पहाड़ की 15 विधानसभा सीटों का जिम्मा राजस्थान सरकार के मंत्री राजेंद्र यादव को सौंपा गया है।
आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी सूची के मुताबिक अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट का पर्यवेक्षक दिल्ली के पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान को बनाया गया है। वहीं, यशपाल आर्य व संजीव आर्य की कांगे्रस में वापसी के दौरान राजस्थान के मंत्री राजेंद्र यादव भी उत्तराखंड में चर्चाओं में रहे। पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा को मिले इस झटके में यादव की अहम भूमिका थी। इधर, चुनावी साल में कार्यकर्ताओं का जोश बरकरार रखने के लिए पार्टी हाईकमान चाहता है कि बड़े नेताओं के साथ-साथ स्थानीय क्षत्रप भी एकजुट नजर आएं। इसलिए विधानसभा सीटों से लेकर जिलों तक की बाहरी पर्यवेक्षकों से निगरानी करवा हाईकमान खुद नजर रखेगा। कांग्रेस जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल ने बताया कि एआइसीसी की तरफ से विधानसभा क्षेत्रों, जिलों और लोकसभा क्षेत्रों में पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया गया है। चुनाव तक सभी कांग्रेस की मजबूती को लेकर जुटे रहेंगे। हमारा लक्ष्य मिशन 2022 है।
नैनीताल संसदीय क्षेत्र के पर्यवेक्षक बनाए गए राजेंद्र यादव का किच्छा से ताल्लुक है। वह लंबे समय तक यहां रहे हैं। इसके अलावा अविभाजित उत्तर प्रदेश में यूथ कांग्रेस में भी पदाधिकारी रहे। वर्तमान में राजस्थान की कोटपूतली सीट से विधायक बनने के बाद उन्हें मंत्री पद मिला। फोन पर हुई बातचीत में यादव ने बताया कि दीवाली बाद वह पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी निभाने पहुंचेंगे।