



कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के आत्मचिंतन से प्रदेश कांग्रेस में हलचल है। रावत के समर्थक एक लंबी पोस्ट के बहाने सामने आए आत्मचिंतन को प्रदेश कांग्रेस के स्तर पर उपेक्षा से उपजा हुआ मान रहे हैं।यह भी कहा जा रहा है कि यह आत्मचिंतन प्रदेश कांग्रेस तक अपनी नाराजगी को पहुंचाने का एक और दांव भी हो सकता है। बहरहाल, प्रदेश में सियासत की धुरी हरीश की इस पोस्ट का निहितार्थ खोजने में कांग्रेसियों को पसीना बहाना पड़ रहा है।
रावत की यह पोस्ट ऐसे समय में सामने आई है जब खुद रावत असम में राहुल गांधी की मौजूदगी में एक बेहतर सम्मेलन कराने की बधाई स्वीकार कर रहे हैं। एनआरसी और सीएए के विरोध में शनिवार को प्रदेश कांग्रेस ने पदयात्रा निकाली थी। जिसमें रावत समर्थक यह कहने से नहीं चूक रहे हैं कि इस पूरे आयोजन में हरीश रावत और किशोर उपाध्याय का एक भी फोटो नहीं था।
इसे हरीश रावत के खिलाफ कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से शिकायत से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। किशोर रैली में खुद मौजूद थे लेकिन वे इस मुद्दे पर चुप्पी ओढ़े हुए है। उनके निकटस्थ लोगों का कहना है कि किशोर भी नाराज है और इस वजह से अकेले अपने दम पर वन अधिकार आंदोलन की राह पकड़ चुके है।