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मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश में कोई भी फैसला जनता के सुझाव के बिना अधूरा है

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में कोई भी फैसला जनता के सुझाव के बिना अधूरा है। जिस प्रकार बजट से पहले संवाद कर हितधारकों से सुझाव लिए गए। उन सुझावों को बजट में शामिल किया गया। उसी प्रकार, समान नागरिक संहिता पर भी समाज के हर वर्ग से सुझाव लेने के लिए प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर संवाद होंगे।

प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए गठित समिति जनता से सुझाव लेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 100 दिन का कार्यकाल पूरा होने के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनका मकसद 2025 तक राज्य को देश के श्रेष्ठ राज्यों में शुमार करना है। पहले तीन साल का रोडमैप तैयार किया जा रहा है।बृहस्पतिवार को सीएम आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार के 100 दिन पूरे होने के मौके पर सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने 100 दिन विकास के, समर्पण और प्रयास के विकास पुस्तिका का विमोचन किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को आभार जताते हुए कहा कि वह सरलीकरण समाधान और निस्तारण पर काम कर रहे हैं।सचिवालय में अधिकारियों तक जनता की पहुंच बनाने के लिए ही सोमवार को नो मीटिंग डे घोषित किया है। फील्ड में भी अधिकारियों को रोजाना दस बजे से 12 बजे तक और पर्वतीय क्षेत्रों में एक बजे तक जनता के लिए उपलब्ध रहने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 100 दिन का कालखंड बहुत ज्यादा तो नहीं होता लेकिन हमने इस अवधि में एक ऐसी सरकार देने का प्रयास किया है जो कि जनता की सरकार है।

उन्होंने कहा कि जब हमारा राज्य 25 साल का होगा तो हम हिंदुस्तान के श्रेष्ठ राज्यों में शुमार होंगे। इसके लिए सभी विभागों का रोडमैप बनाया जा रहा है। पहले तीन साल के रोडमैप के तहत सभी योजनाएं नौ नवंबर 2025 तक पूरी होंगी। इसके बाद दस साल का रोडमैप तैयार किया जाएगा। इस दौरान कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव सूचना अभिनव कुमार, महानिदेशक सूचना रणवीर सिंह चौहान, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला भी मौजूद रहे।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह प्रदेश वासियों की सरकार है। यहां के हर घर से देश की सेना के लिए वीर पैदा होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोई भी फैसला जनता के सुझाव के बिना अधूरा है। जिस प्रकार बजट से पहले संवाद कर हितधारकों से सुझाव लिए गए। उन सुझावों को बजट में शामिल किया गया। उसी प्रकार, समान नागरिक संहिता पर भी समाज के हर वर्ग से सुझाव लेने के लिए प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर संवाद होंगे। ऑनलाइन माध्यम से सुझाव लिए जाएंगे। उन्होंने मौके पर मौजूद अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को इस संबंध में निर्देश जारी करने को भी कहा। गौरतलब है कि छह माह के भीतर ड्राफ्ट कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।

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