



लद्दाख में हुए झंडप के बाद अब चीन नेहिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले की सीमा से सटे अपने कब्जे वाले तिब्बत में 20 किमी. तक सड़क निर्माण कर रहा है, जिसमें 2 किमी. ‘नो मैन्स लैंड’ भी है। सीमा के आखिरी गांव कुन्नू चारंग के ग्रामीणों ने सबसे पहले इसका खुलासा किया और प्रशासन को सूचना दी। इन ग्रामीणों का कहना है कि बीते वर्ष अक्टूबर तक तिब्बत सीमा के आखिरी गांव तांगों तक ही सड़क थी लेकिन इस बार बर्फ हटते ही दो महीने में तिब्बत के तांगों गांव से भारत सीमा की ओर 20 किलोमीटर तक सड़क का निर्माण कर दिया गया है। अब दूसरी ओर सांगला घाटी के छितकुल के पीछे तिब्बत के यमरंग ला की ओर भी सड़क निर्माण किया जा रहा है। चीन रात के अंधेरे में तेज गति से खेमकुल्ला पास की ओर सड़क का निर्माण कर रहा है। चीन की तरफ से पहले रेकी करने के लिए ड्रोन आते हैं और फिर रात होते ही पहाड़ काटने के लिए किये जाने वाले विस्फोटों की आवाजें आती हैं। इन ग्रामीणों का कहना है कि भारत की ओर से स्थानीय भेड़ पालकों को सीमा की तरफ नहीं जाने दिया जाता है। अगर भेड़ पालक ऊंची पहाड़ियों पर जाते तो सीमा पार की गतिविधियों की जानकारी समय पर मिल सकती थी।
भारत की ओर से चारंग गांव तक की सड़क भी ठीक नहीं है। यहां मोबाइल के सिग्नल भी नहीं आते, इसलिए कहीं भी बात करने के लिए भी गांव से 14 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। हाल ही में चारंग गांव के कुछ चरवाहे अर्धसैनिक बल के जवानों के साथ गांव से करीब 22 किलोमीटर ऊपर चीन सीमा की ओर गए थे। इन्हीं लोगों ने सबसे पहले तिब्बत क्षेत्र की ओर बनाई गई सड़क देखी। इसके बाद यहां के ग्रामीणों ने 6 दिन तक चीनी क्षेत्र में रेकी की और इसके बाद तिब्बत सीमा के करीब 20 किलो