उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की हाईस्कूल बोर्ड की परीक्षा सोमवार सुबह आठ बजे से शुरू हो गई। पहले दिन सुबह की पाली में 10वीं हिन्दी का प्रथम पेपर हुआ। जबकि दूसरी पाली में दोपहर दो बजे से 12वीं का हिन्दी का प्रथम पेपर शाम पांच बजे तक चलेगा।रुड़की में पहली पाली में सुबह 8:00 से 11:00 बजे तक हाई स्कूल की परीक्षा हुई। जिसमें सामान्य हिंदी का पेपर हुआ। पेपर आसान था, जिसे देख छात्र- छात्राओं के चेहरे खिल गए।उत्तराखंड विद्यालय शिक्षा परिषद ने बताया कि किसी भी परीक्षा कक्ष में उसी विद्यालय का शिक्षक कक्ष निरीक्षक नहीं होगा। प्रत्येक परीक्षा कक्ष में दो निरीक्षकों की नियुक्ति अनिवार्य है। एक परीक्षा कक्ष में नियुक्त दोनों कक्ष निरीक्षक एक ही विद्यालय से नहीं होंगे। परीक्षा के लिए 1333 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं उसमें 18 अति संवेदनशील केंद्र हैं।
यहां नकल रोकने के लिए विद्यालयी शिक्षा परिषद पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी की है। इस बार परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जा रही है। परीक्षा 19 अप्रैल तक चलेगी। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की सभापति सीमा जौनसारी ने बताया कि 28 मार्च को हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा हिन्दी के पेपर से प्रारंभ हुई। जो 19 अप्रैल को इंटरमीडिएट के गृह विज्ञान के पेपर के साथ संपन्न होगी।उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की सभापति सीमा जौनसारी ने बताया कि उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा प्रदेश में 1333 केंद्रों पर आयोजित की जा रही है, जिनमें सबसे अधिक 164 परीक्षा केंद्र पौड़ी जनपद में बनाए गए हैं। वहीं, चंपावत में सबसे कम 40 परीक्षा केंद्र हैं।10वीं कक्षा में 1,29,784 व 12वीं में 1,13,166 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। सबसे ज्यादा परीक्षार्थी हरिद्वार जिले में 42,661 और सबसे कम चंपावत जिले में 7,797 हैं। प्रदेश में 191 परीक्षा केंद्र संवेदनशील व 18 अति संवेदनशील हैं। पिछले सत्र की तुलना में इस बार 21 परीक्षा केंद्र कम बनाए गए हैं।
जिला हरिद्वार में बोर्ड परीक्षा के लिए हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के लिए 41,870 छात्र पंजीकृत हैं। जिसमें हाई स्कूल से 22,849 छात्र हैं। इनमें 22114 संस्थागत व 735 व्यक्तिगत छात्र हैं। जबकि इंटरमीडिएट में 19,021 छात्र पंजीकृत हैं। इनमें 17,998 संस्थागत 1023 व्यक्तिगत छात्र हैं। पहली पाली की हाईस्कूल की परीक्षा में गड़बड़ी की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। सभी केंद्रों पर परीक्षा शांतिपूर्ण बताई जा रही है।प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों की बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी लगाई गई है। जबकि एक अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र शुरू हो रहा है। ऐसे में शिक्षकों पर दाखिला प्रक्रिया संपन्न करवाने का भी दबाव है। शिक्षक संगठनों ने प्राइमरी स्कूलों से कम से कम शिक्षकों की बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी लगाने की मांग की है।
गढ़वाल एवं कुमाऊं मंडल में कई विद्यालय ऐसे हैं, जहां दो शिक्षक तैनात हैं। अब एक शिक्षक की ड्यूटी बोर्ड परीक्षा में रहेगी तो दूसरे शिक्षक पर ही बच्चों की पढ़ाई और दाखिले का कार्य होगा। समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए सभी शिक्षकों को लक्ष्य दिया गया है, लेकिन जब ज्यादातर शिक्षक 18 अप्रैल तक 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षा में तैनात रहेंगे तो नए छात्रों को विद्यालय में प्रवेश कौन दिलाएगा।प्राथमिक शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि प्राथमिक विद्यालयों से कम से कम शिक्षकों की बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी लगाई जाए, ताकि वह नए दाखिले पर ध्यान केंद्रित कर सकें। उधर, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गब्र्याल ने कहा कि शिक्षा निदेशालय की तरफ से जो ड्यूटी चार्ट बनाया गया था, उसके अनुसार शिक्षकों की बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी लगाई गई है।
शासन ने बोर्ड परीक्षा के नाम पर शिक्षकों की लंबित मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन पर तो प्रतिबंध लगा दिया, लेकिन स्वयं की व्यवस्था को नजरअंदाज कर दिया। एक अप्रैल से नया सत्र शुरू हो रहा है। छात्रों के प्रवेश के अलावा निश्शुल्क पुस्तक वितरण भी समय पर करना होगा। ऐसे में यदि विद्यालयों में शिक्षक नहीं होंगे तो कार्य प्रभावित होगा।देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी डा. मुकुल कुमार सती ने जिले के समस्त खंड शिक्षा अधिकारी, केंद्र व्यवस्थापक व राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्य को निर्देशित किया कि सोमवार से उत्तराखंड बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। जिसमें कक्ष निरीक्षक के रूप में केवल माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को लगाया जाए। उन्होंने रविवार को इस आशय का आदेश जारी किए।