उत्तराखंड में फिर से सत्तासीन होने जा रही भाजपा सरकार और पार्टी संगठन की पहली परीक्षा अगले वर्ष होने वाली है, जिसके लिए पार्टी ने रूपरेखा तैयार करनी शुरू कर दी है।अगले साल राज्य में होने वाले नगर निकाय चुनावों में भाजपा की पहली परीक्षा होगी। नगर निकायों में दोबारा परचम फहराकर पार्टी वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश में मजबूत आधारशिला रखने का प्रयास करेगी। इसे देखते हुए भाजपा अब नगर निकाय चुनाव की रूपरेखा तैयार करने में जुट गई है। राज्य में नगर निकायों की संख्या 102 है, जिनमें से तीन में चुनाव नहीं होते।
इसके लिए सरकार को फैसिलिटेटर की भूमिका का निर्वहन करते हुए निकायों को प्रोत्साहित करना होगा। नगर निकायों में पिछले परिसीमन में लगभग 300 गांवों को नगरों का हिस्सा बनाया गया था। इन क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं के विकास की चुनौती सरकार के सामने रहेगी।इस परिदृश्य के बीच सभी की नजर निकायों को लेकर नई सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर टिक गई है। भाजपा संगठन भी पिछली सरकार द्वारा किए गए कार्यों और नई सरकार की नगर निकायों के प्रति प्रतिबद्धता व नीतियों को लेकर जनता के बीच जाएगा। साफ है कि सरकार और भाजपा संगठन दोनों को ही निकाय चुनाव में जनता की कसौटी पर खरा उतरने की चुनौती है।