बॉलीवुड के फेमस सिंगर और म्यूजिक डायरेक्टर बप्पी लहरी के निधन से बॉलीवुड, म्यूजिक इंडस्ट्री और उनके फैन्स सदमे हैं। उन्होंने ने 69 साल की उम्र में मुंबई के अस्पताल में अंतिम सांस ली। हर कोई उनको सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहा है। बप्पी लहरी बेहद मस्तमौला इंसान थे। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह सिंगिंग रियलिटी शो ‘इंडियन आइडल 2020’ के 12वें सीजन में सेट पर आए थे। तब बप्पीदा उत्तराखंड के कंटेस्टेंट पवनदीप राजन की मखमली आवाज और उनके अंदाज से इतना प्रभावित हुए कि अपनी सोने की चेन निकालकर तोहफे के रूप में पवनदीप को पहना दी। उनकी इस दरियादिली को जजों और आडियंस ने खूब सराहा था। पवनदीप ने Indian Idol 2021 सीजन के विनर भी बने थे।सोनी टीवी के सिंगिंग रिएलिटी शो ‘इंडियन आइडल 2020’ के एक एपिसोड में म्यूज़िक इंडस्ट्री के गोल्डन मैन बप्पी लहरी आए थे। शो के कंटेस्टेंट पवनदीप राजन भी थे। तब पवनदी ने खुद इंस्ट्रूमेंटस बजाकर ‘किसी नजर को तेरा इंतजार आज भी है’ गाने पर अपनी शानदार प्रस्तुति से सभी का दिल जीत लिया था। खासतौर पर बप्पी दा को। पवनदीप की परफॉर्मेंस देखकर वह बेहद खुश हुए। पवनदीप ने न सिर्फ शानदार गाना गाया बल्कि गाने के साथ हारमोनियम भी बजाया। पवनदीप की परफॉर्मेंस देखने के बाद बप्पी दा ने पवनदीप से कहा था मैं आपकी परफॉर्मेंस देखकर बेहद खुश हूं। इतनी कम उम्र में आपने शानदार परफॉर्मेंस दी है।
बप्पी दा ने पवनदीप की प्रशंसा करते हुए आगे कहा, ये वाकई, बहुत शानदार परफॉर्मेंस है और मुझे लगता है कि एक सिंगर को कुछ इंस्ट्रूमेंट्स तो बजाने आने ही चाहिए। मैंने भी तीन साल की उम्र में तबला बजाना शुरू कर दिया था। इतना ही नहीं उन्होंने पवनदीप को अपने म्यूजिक रूम में आने का न्योता भी दिया था। उन्होंने कहा, मैं आपको अपने म्यूज़िक रूम (स्टूडियो) में जरूर बुलाऊंगा। इतना ही नहीं इस हफ्ते का, ‘परफॉर्मेंस ऑफ द वीक’ का इनाम भी पवनदीप को दिया गया था और उन्हें बप्पी दा से एक सोने की चेन भी मिली।इंडियन आइडिल सीजन 12 के विनर पवनदीप राजन बेतहरीन सिंगर होने के साथ ही शानदार म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट प्लेयर भी हैं। उनके हुनर को पहचाने हुए उनके पिता ने उन्हें डेढ साल की उम्र में ही तबला लाकर दे दिया था। तबला के साथ ही पियानो, ढोलक, ड्रम, कीबोर्ड और गिटार अच्छे से बजा लेते हैं। पवनदीप महज दो साल की उम्र में यंगेस्ट तबला प्लेयर का अवॉर्ड जीत चुके हैं । वर्ष 1998 में जब पवनदीप की उम्र महज दो साल थी तभी से इनकी उंगलियां तबले पर थिरकने लगी थीं। तब चम्पावत में आयोजित कुमाऊं महोत्सव में उन्होंने अपना पहला स्टेज परफॉमेंस दिया था।