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बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने केदारनाथ मंदिर के कपाट खोलने व बंद करने के समय में बदलाव किया

बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने केदारनाथ मंदिर के कपाट खोलने व बंद करने के समय में बदलाव किया है। साथ ही आम श्रद्धालुओं के लिए भी दर्शनों का समय कम कर दिया है। अब सुबह पांच बजे से केदारनाथ मंदिर में धर्म दर्शन शुरू हो रहे हैं। वहीं, सांयकालीन आरती व श्रृंगार दर्शन के बाद रात्रि को नौ बजे मंदिर को बंद किया जा रहा है। मानसून के सक्रिय होने व यात्रियों की कम होती संख्या को ध्यान में रखते नई व्यवस्था बनाई गई है।

6 मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में इस बार रिकॉर्ड श्रद्धालु धाम पहुंच रहे हैं। धाम में 59 दिनों में ही दर्शनार्थियों का आंकड़ा 850014 पहुंच गया है। मई व जून माह में सुबह चार बजे से रात्रि 11 बजे तक बाबा के दर्शन कर रहे थे। लेकिन अब, मानसून सक्रिय होने के साथ ही कम होती यात्रियों की संख्या को देखते हुए बीकेटीसी ने केदारनाथ में सुबह कपाट खोलने, धर्म दर्शन, दोपहर को भोग व विश्राम और सांयकालीन आरती के बाद कपाट बंद करने के समय में भी बदलाव किया है।

एक जुलाई से शुरू हुई इस नई व्यवस्था के तहत केदारनाथ में सुबह चार बजे मंदिर के कपाट खोले जा रहे हैं, जबकि आम श्रद्धालुओं को सुबह पांच बजे से बाबा के दर्शन कराए जा रहे हैं। अपराह्न तीन बजे बाबा केदार को भोग लगाने के बाद मंदिर की साफ-सफाई व विश्राम के बाद शाम 5 बजे से पुन: मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जा रहे हैं।
6.30 से 7 बजे तक सांयकालीन आरती हो रही है। इसके बाद रात्रि 9 बजे मंदिर के कपाट बंद किए जा रहे हैं। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि यात्रियों की घटती संख्या को ध्यान में रखते हुए कपाट खोलने व दर्शनों के समय में परिवर्तन किया गया है।
श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव को केदारनाथ में यात्रियों के लिए लॉकर रूम की सुविधा को लेकर पत्र लिखेंगे। कहा कि केदारनाथ मंदिर के अंदर मोबाइल फोन को पूर्णरूप से वर्जित किया जा रहा है। इसके लिए, यात्री अपना मोबाइल फोन सुरक्षित स्थान पर रखे, इसके लिए लॉकर रूम जरूरी है।

 

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