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उत्तराखंड में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रचार की कमान पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव हरीश रावत के हाथों में होगी

उत्तराखंड में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रचार की कमान पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव हरीश रावत के हाथों में होगी, लेकिन चुनाव सामूहिक नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश में हरीश रावत के कद को ध्यान में रखकर सांगठनिक और अन्य बदलाव में उनकी राय को तरजीह तो दी, लेकिन उनके विरोधी समझे जाने वाले दूसरे खेमे के नेताओं को भी अहम जिम्मेदारी सौंपकर चुनाव को लेकर पार्टी की रीति और नीति साफ कर दी है। चुनाव सभी को साथ लेकर लड़ा जाएगा। पार्टी के इस रुख से चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने के पैरोकार रहे हरीश रावत परेशानी महसूस कर सकते हैं।

प्रदेश में नए नेता प्रतिपक्ष के चयन और प्रदेश अध्यक्ष को बदलने के लिए रची गई पटकथा गुरुवार को अपनी अंतिम परिणति पर पहुंच गई। बीती 27 जून को दिल्ली में नेता विधायक दल के चयन को बुलाई गई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष बदलने का मामला भी उछलने के बाद दिग्गजों के बीच खिंची तलवारों ने पार्टी नेतृत्व को पत्ते अच्छी तरह से फेंटने का मौका दे दिया। अध्यक्ष, चार कार्यकारी अध्यक्ष, नेता विधायक दल, कोषाध्यक्ष के साथ चुनाव अभियान समिति समेत गठित की गईं कुल 10 अहम समितियों में पार्टी ने सभी खेमों को एडजस्ट करने की रणनीति अपनाई।

2017 के विधानसभा चुनाव में बुरी गत देख चुकी पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने संगठन में बड़े बदलाव में गुट विशेष को ज्यादा तरजीह देने से गुरेज किया। चुनाव प्रचार कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए हरीश रावत पर हाईकमान ने भरोसा जताते हुए प्रदेश अध्यक्ष पद पर गणेश गोदियाल के रूप में उनकी पसंद को तवज्जो दी है। बावजूद इसके प्रदेश संगठन में उनके विरोधियों को भी तरजीह मिली है। कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए रंजीत रावत और हरीश रावत के बीच तनातनी जगजाहिर है। दूसरे कार्यकारी अध्यक्ष भुवन कापड़ी के रूप में प्रीतम सिंह की सिफारिश ने असर दिखाया।

कोषाध्यक्ष के रूप में आर्येंद्र शर्मा के चयन में भी प्रीतम की पसंद पर भरोसा किया गया। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को समन्वय समिति, पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी को चुनाव प्रबंधन समिति की कमान सौंपी गई है। दिवंगत डा इंदिरा हृदयेश के पुत्र सुमित हृदयेश को प्रदेश कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। विधायकों, पूर्व विधायकों, सांसद व पूर्व सांसदों को भी विभिन्न समितियों में जोड़ा गया है। वहीं प्रदेश अध्यक्ष पद पर गढ़वाल मंडल से ब्राहमण चेहरे के रूप में श्रीनगर से पूर्व विधायक गणेश गोदियाल को तरजीह दी गई है।चार कार्यकारी अध्यक्षों के रूप में दो भुवन कापड़ी और तिलकराज बेहड़ ऊधमसिंहनगर जिले से हैं। बेहड़ के जरिये पंजाबी समुदाय व मैदानी क्षेत्रों के वोटबैंक को साधा गया है। अनुसूचित जाति को भी कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर प्रतिनिधित्व देते हुए प्रो जीतराम की तैनाती की गई है। रंजीत रावत को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर अल्मोड़ा की सीटों के चुनावी समीकरणों को साधने की कोशिश की गई है।

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