सैन्य जीवन में हर कदम पर चुनौतियां मिलती हैं। चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने वाले ही लक्ष्य हासिल करते हैं। यह बातें मेजर जनरल संजय सिंह ने बुधवार को राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कालेज (आरआइएमसी) में 191वें दीक्षा समारोह में कहीं। इस दौरान उन्होंने पासआउट हो रहे कैडेट को दीक्षित कर उनसे देशसेवा के लिए समर्पित रहने का आह्वान किया। हल्द्वानी के कैडेट सेक्शन कमांडर तेजस भट्ट को स्वार्ड आफ आनर दिया गया।मुख्य अतिथि मेजर जनरल संजय सिंह ने कैडेट को संबोधित करते हुए कहा कि आरआइएससी से पास आउट कैडेट तीनों सेनाओं के उच्च पदों तक पहुंचे हैं। उन्होंने न सिर्फ खुद को साबित किया, बल्कि इस संस्थान का नाम भी स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज किया। इस अवसर पर विभिन्न प्रतिस्पर्धा में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कैडेट को सम्मानित किया गया।
हल्द्वानी निवासी कैडेट सेक्शन कमांडर तेजस भट्ट को स्वार्ड आफ आनर दिया गया। उन्हें केसी महिंद्रा एजुकेशन ट्रस्ट की ओर से पांच हजार रुपये की नकद राशि भी प्रदान की गई। तेजस के पिता कृष्ण चंद्र भट्ट शिक्षक और मां भावना भट्ट गृहिणी हैं। वेवल स्वार्ड कैडेट कैप्टन माधव कुमार को दी गई।इससे पहले आरआइएमसी के कमांडेंट कर्नल अजय कुमार ने कालेज की वार्षिक रिपोर्ट पेश की। वहीं कैडेट ने रंगारंग कार्यक्रम पेश कर आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
आरआइएमसी में स्वार्ड आफ आनर वायुसेना के रिटायर्ड एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने शुरू किया था। वह भी आरआइएमसी से पासआउट थे। यह पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कैडेट को दिया जाता है।ब्रिटेन के ओल्ड ब्वायज पासिंग आउट कोर्स के कैडेट के लिए वेवल स्वार्ड देते हैं। ब्रिटेन के कैडेट ने आरआइएमसी में वर्ष 1941 से 46 तक वेवल सेक्शन में शिक्षा ली। यह अवार्ड ब्रिटेन से ही आरआइएमसी के लिए भेजा जाता है।