



राज्य स्थापना दिवस समारोह के साथ ही करगिल दिवस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में चार धामों के बाद एक और धाम सैन्य धाम बनाने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया था कि यह धाम पूरी तरह से डिजिटल होगा और इसमें वर्ष 1947 के बाद देश की रक्षा के लिए कुर्बानी देने वाले हर सैनिक का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा।
एक क्लिक पर हर सैनिक का पूरा बायोडाटा यहां उपलब्ध होगा। सरकार की योजना है कि बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री की तरह ही यहां लोग आएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसके लिए राज्य सरकार को सुझाव दिया था। उसके बाद प्रदेश सरकार की ओर से इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री की ओर से नगर निगम को भूमि चिह्नित करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद नगर निगम ने जमीन की तलाश शुरू कर दी। मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि निगम की ओर से इसके लिए राजपुर रोड पर जनरल हनुत सिंह की समाधि से सटे 50 बीघा भूमि का चयन कर लिया गया है।
बृहस्पतिवार को बाकायदा अपर सचिव मुख्यमंत्री व सैनिक कल्याण मंत्री प्रदीप रातव ने चयनित भूमि का निरीक्षण कर सैन्य धाम बनाने के लिए इसे फाइनल कर दिया है। मेयर ने कहा कि जल्द ही आवश्यक कार्रवाई कर इस भूमि को सैन्य धाम बनाने के लिए सरकार के सुपुर्द कर दिया जाएगा।