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मंत्री सतपाल ने बताया कि एकल सदस्यीय आयोग के प्रथम प्रतिवेदन की संस्तुति जनपद हरिद्वार के परिप्रेक्ष्य में अंतरिम संस्तुति

मंत्री सतपाल ने बताया कि एकल सदस्यीय आयोग के प्रथम प्रतिवेदन की संस्तुति जनपद हरिद्वार के परिप्रेक्ष्य में अंतरिम संस्तुति है, जो अंतिम प्रतिवेदन के अधीन होगी।उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के लिए गठित एकल सदस्यीय आयोग ने अपनी पहली रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दी है। इसके अनुसार, हरिद्वार जिले में ग्राम प्रधान और ब्लाक प्रमुख पदों पर ओबीसी का कोटा घटाने की सिफारिश की गई है। जबकि अध्यक्ष जिला पंचायत पद के आरक्षण को आयोग ने जस का तस रखने की सिफारिश की है।

मंगलवार को आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ब्रह्म सिंह वर्मा ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में आयोग की पहली रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा। इस अवसर पर पंचायतीराज अधिकारियों के साथ प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज भी उपस्थित रहे।मंत्री सतपाल ने बताया कि एकल सदस्यीय आयोग के प्रथम प्रतिवेदन की संस्तुति जनपद हरिद्वार के परिप्रेक्ष्य में अंतरिम संस्तुति है, जो अंतिम प्रतिवेदन के अधीन होगी। महाराज ने कहा कि आयोग के अंतरिम प्रतिवेदन में हरिद्वार में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित कुल 171 (54.13 प्रतिशत) प्रधान पदों के सापेक्ष एकल आयोग की ओर से कुल 69 (22.03 प्रतिशत) पदों की संस्तुति की गई है।

उन्होने बताया कि हरिद्वार में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित कुल तीन (54.13 प्रतिशत) ब्लाक प्रमुख पदों के सापेक्ष आयोग की ओर से कुल एक (18.04 प्रतिशत) पद की संस्तुति की गई है। ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया राज्य के अन्य 12 जनपदों में पूर्ण न होने के कारण हरिद्वार में अध्यक्ष जिला पंचायत पद के आरक्षण के संबंध में आयोग की ओर से कोई संस्तुति नहीं की गई है।
उन्होंने बताया कि हरिद्वार में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित कुल 27 क्षेत्र पंचायत सदस्य (वार्ड) के सापेक्ष आयोग की ओर से कुल 27 सदस्य (वार्ड) आरक्षित किए जाने की संस्तुति की है, जो 14 प्रतिशत से अधिक नहीं है। अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित कुल छह जिला पंचायत सदस्य (वार्ड) के सापेक्ष आयोग की ओर से कुल 6 सदस्य (वार्ड) आरक्षित किए जाने की संस्तुति की है, जो 14 प्रतिशत से अधिक नहीं है। इस अवसर पर पंचायतीराज सचिव नितेश झा, निदेशक पंचायतीराज बंशीधर तिवारी, अपर सचिव ओंकार सिंह उपस्थित थे।

हरिद्वार जिले में अन्य पिछड़ा वर्ग के कुल 362 ग्राम पंचायत सदस्य (वार्ड) आरक्षित किए गए हैं। कतिपय ग्राम पंचायतों में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक होने के कारण एकल आयोग की ओर से अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुल 281 सदस्य (वार्ड) आरक्षित किए जाने की संस्तुति की गई है, जो 14 प्रतिशत से अधिक नहीं है, जबकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग का समग्र आरक्षण अधिकतम 50 प्रतिशत की सीमा के अंतर्गत है।

हरिद्वार जिलें में शीघ्र ही पंचायत चुनावों का रास्ता खुल गया है। शासन के सूत्रों की मानें तो इस माह के अंतिम सप्ताह में हरिद्वार में पंचायतों के चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है।
हाईकोर्ट में एक याचिका के आधार पर हरिद्वार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने के लिए राज्य सरकार को अगस्त के पहले सप्ताह में अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए गए थे। इस पर प्रदेश सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कोर्ट को बताया था कि सरकार किसी प्रकार का विलंब नहीं कर रही है और ना ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रही है। निकायों व पंचायतों का परिसीमन का काम पूरा कर लिया गया है। इस मामले में 17 अगस्त को सुनवाई होनी है।

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