दिल्ली में पटाखे जलाने पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद दिवाली पर लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। इस कारण दिल्ली का आसमान धुएं के गुबार से ढंक गया। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) जो शाम चार बजे 382 था, वह रात आठ बजे तक बढ़कर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया क्योंकि कम तापमान और हवा की गति मंद रहने के कारण प्रदूषक तत्वों का बिखराव नहीं हो सका. धड़ल्ले से पटाखे जलाने के चलते रात नौ बजे के बाद दिल्ली के पड़ोसी शहरों फरीदाबाद में एक्यूआई 424, गाजियाबाद में 442, गुरुग्राम में 423 और नोएडा में 431 दर्ज किया गया, जोकि ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. दिल्ली और इसके आसपास के कई क्षेत्रों के लोगों ने गले में खराश और आंखों से पानी आने की शिकायतें कीं।
राष्ट्रीय राजधानी में एक जनवरी 2022 तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद दक्षिण दिल्ली के लाजपत नगर, उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी, पश्चिमी दिल्ली के पश्चिम विहार और पूर्वी दिल्ली के शाहदरा में शाम सात बजे से पटाखे जलाए जाने के मामले सामने आए। वहीं, गुरुग्राम और फरीदाबाद में उच्च-तीव्रता के पटाखे जलाये गए. हरियाणा सरकार ने भी दिल्ली से सटे क्षेत्रों समेत 14 जिलों में पटाखे की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था।
विशेषज्ञों ने पूर्वानुमान जताया कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों, पराली जलाने, पटाखे जलाये जाने और अन्य स्थानीय कारकों के चलते मध्यरात्रि तक दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘गंभीर’ की श्रेणी के करीब पहुंच सकता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोहरे के चलते सुबह के समय इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और सफदरजंग हवाई अड्डे पर 600-800 मीटर के दायरे में कम दृश्यता रही।