प्रदेश की भाजपा सरकार गैरसैंण की उपेक्षा कर रही है। प्रदेश सरकार के इस रवैए से गैरसैंण में खर्च हुए करीब ढ़ाई सौ करोड़ रुपये के सरकारी धन की बर्बादी की संभावना बन रही है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार की इस उपेक्षा पर पूर्व सीएम के नेतृत्व में कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ता गैरसैंण तहसील में चौदह जुलाई को तालाबंदी की अपना विरोध व्यक्त करेंगे। यह बात पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने अल्मोड़ा में कही। उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलन के दौर से गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की जन भावना रही है। विजय बहुगुणा के मुख्यमंत्रित्व काल में यहां राजधानी के लिए प्राथमिक कवायद हुई। बहुगुणा सरकार ने यहां कैबिनेट बैठक कर इसको प्राथमिकता देने के संकेत भी दिए थे।
उस दौर में विस अध्यक्ष रहते उन्होंने इस सारी कवायद को निकट से देखा था। कुंजवाल ने कहा कि भाजपा ने उत्तराखंड राज्य बनाया जरूर लेकिन यह दुर्भाग्य रहा कि स्थायी राजधानी तय नहीं की। जिसके चलते शिक्षा व पर्यटन के क्षेत्र में अहम स्थान रखने वाले उत्तराखंड के देहरादून व नैनीताल शहर की बदहाली देखी जा सकती है।
कुंजवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार में पहले विजय बहुगुणा और बाद में हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते गैरसैंण में राजधानी के लिए संसाधन तैयार करने के लिए कई कदम उठाए गए। लेकिन वर्तमान सरकार इसके लिए जरा भी गंभीर नहीं है। वार्ता के दौरान पालिकाध्यक्ष अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष पीतांबर पांडे, नगर अध्यक्ष पूरन रौतेला, गोपाल चौहान, यूकां जिलाध्यक्ष निर्मल रावत, तारा चंद्र जोशी आदि मौजूद रहे।