



सक्सेस की प्रयोगशाला में जिस इन्सान की सक्सेस पर आज हम गौर करने जा रहे है।
हो सकता है आपने उनका नाम सुना हो या ना सुना हो लेकिन कभी कंपनी का नाम अपने सुना ही होगा। उनकी कंपनी का नाम हैं।
कर्सनभाई पटेल एक किसान के बेटे, और इन्होने केमेस्ट्री में BSC की थी। गुजरात के एक शहर अहमदाबाद में इन्होने अपने करियर की शुरुआत की थी। उनकी सैलरी इतनी ज्यादा नहीं थी तो कुछ ज्यादा कमाने की कुछ बहतर करने की इच्छा थी।
तो उन्होंने अपने स्किल्स को छान-बीन किया केमेस्ट्री में वो पढ़े लिखे थे, उसके बाद उन्होंने जॉब की थी जिसके साथ इनकी केमिकल्स में नॉलेज और अच्छा हो गया।
तो उन्होंने जांच किया कि मेरी स्किल्स है: केमिकल में नॉलेज। फिर उन्होंने अपने स्किल्स के हिसाब से अपने अवसर को ढूँढना शुरू किया।
उस समय पे 1960 में उन्होंने यह पता किया की वाशिंग पौदर्स बहुत महंगे है। और सारी कंपनी जो मार्किट है वो विदेशी है।
और वाशिंग पाउडर के महंगे होने के वजह से, ज्यादातर माध्यम वर्ग के परिवार इतने महगे पाउडर खरीद नहीं पाते थे।
फिर उन्होंने अपने स्किल्स और अवसर को मिलाया और अपने केमेस्ट्री के नॉलेज को उपयोग करते हुए बना डाला एक सस्ता और अच्छा वाचिंग पाउडर..। निरमा।
कर्सनभाई पटेल जब जॉब पर जाते थे और वापस आते थे तो अपने साइकिल पर घर-घर में अपना बनाया हुआ वाशिंग पाउडर बेचते हुए जाते।
उन्होंने वाशिंग पाउडर की कीमत 3 रूपए 1 किल्लो ग्राम रखी थी। जबकि उस समय पे मार्केट में जो बाकि कंपनी के पाउडर थे उनकी कम से कम कीमत 30 रूपए थी।
और क्योंकि उनको अपने क्वालिटी पर भरोसा था तो उन्होंने पैसे वापस करने की गारंटी भी देदी। खुद ही प्रोडक्ट बनाते थे। खुद ही प्रोडक्ट बेचते थे। और ऐसे अपनी रोज-रोज की महनत एक साथ वो अहमदाबाद की माध्यम वर्ग के लोगो में बिच में अपने वाशिंग पाउडर को फेमस करते गये।
लोग इस सस्ते और अच्छे पाउडर को ही खरीदने की इच्छा रखते थे। और धीरे-धीरे निरमा भारत के टॉप ब्रांड्स में आ गया।
1969 में घर-घर जाकर अपने साइकिल पे वाशिंग पाउडर बेचने वाले कर्सनभाई पटेल आज 600 मिलियन डॉलर (38459970000.00 भारतीय रूपए) से ज्यादा मालिक है।
एक आदमी से शुरू की हुई निरमा में आज 14,000 लोग काम करते है।
तो व्यवसायी (इंटरप्रेन्योर) के लिए बहुत जरुरी है कि वो अपनी स्किल्स को जांचे/विश्लेषण/छान-बीन करे। और अपने आस-पास अवसर को अध्ययन (स्टडी) करे। क्योंकि जब स्किल्स और अवसर मिल जाती है, तो बन जाता है सक्सेस।
और में ain हमेशा की तरह यु ही प्रेरित (मोटीवेट) करता रहूगा ताकि आप प्रेरित (इंस्पायर्ड) रहे और अपने लक्षय के लिए प्रेरित रहे।