



राज्य में कोरोना टीकाकरण अभियान के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। सरकार ने इसके लिए राज्य में अलग से टास्क फोर्स गठित करने का निर्णय लिया है। एक दो दिन में इसके आदेश हो जाएंगे। टीका आने के बाद यही टास्क फोर्स टीकाकरण प्रबंधन से जुड़े सभी काम करेगी।
केंद्र सरकार का मानना है कि जुलाई तक देश को कोरोना की पचास करोड़ तक डोज मिल जाएगी। केंद्र ने इसके लिए राज्यों को पूरा प्लान तैयार करने के साथ ही प्रबंधन तंत्र खड़ा करने के निर्देश भी दिए हैं। इसी के तहत अब राज्य सरकार ने टीकाकरण प्रबंधन के लिए टास्क फोर्स गठित करने का निर्णय लिया है।
यह टास्क फोर्स राज्य में टीकाकरण का पूरा कामकाज देखेगी और पूरे राज्य में अभियान संचालित किया जाएगा। राज्य में अभी बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधीन प्रबंधन तंत्र है लेकिन कोरोना का टीकाकरण बहुत व्यापक स्तर पर होने की वजह से इसके लिए बड़ा सिस्टम तैयार किया जा रहा है।
मौजूदा सिस्टम भी उसी तंत्र के तहत काम करेगा। इसके तहत राज्य में कोल्ड चेन, प्रशिक्षण और अन्य जरूरी काम होंगे। इसके लिए बड़ी संख्या में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाए जाने का भी अनुमान है।
पहले चरण में 25 लाख वैक्सीन मिलने का अनुमान
राज्य सरकार का मानना है कि उत्तराखंड को पहले चरण में अगले साल जून, जुलाई तक 25 लाख के करीब टीके मिल सकते हैं। उसी के हिसाब से पहले चरण में 25 लाख लोगों को टीका लगाने की तैयारी की जा रही है। इसमें फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर के अलावा पुलिस, होमगार्ड के अलावा कोविड ड्यूटी में लगे अन्य कर्मचारी भी शामिल होंगे। इसके अलावा बुजुर्ग, बीमार और गर्भवती महिलाओं सहित अन्य प्राथमिकता वाली श्रेणियों का भी चयन किया जा रहा है।
प्राइवेट अस्पतालों से मांगा गया ब्योरा
कोरोना टीकाकरण अभियान की तैयारियों के क्रम में सरकार ने राज्य के सभी प्राइवेट अस्पतालों से डॉक्टरों, स्टाफ नर्स, टैक्नीशियन सहित अन्य सभी उन कर्मचारियों का ब्योरा मांगा है जो कोविड की दृष्टि से संवेदनशील कार्य कर रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों के कोरोना वारियर्स को भी राज्य के सरकारी कर्मचारियों की ही भांति प्राथमिकता में लिया जा रहा है।